क्या आप उत्तर प्रदेश के निवासी है और अपना लेबर कार्ड बनवाना चाहते हैं। यदि हाँ, तो आप के लिए एक अच्छी खबर है, यूपी सरकार ने अपने राज्य में रहने वाले मजदूरों के लिए लेबर कार्ड बनाने की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब आप घर बैठे ही अपना लेबर कार्ड ऑनलाइन बना सकते हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको यूपी लेबर कार्ड रजिस्ट्रेशन कैसे करें उसके बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं। इसके साथ ही आप जानेंगे कि यूपी लेबर कार्ड बनाने के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी और इस कार्ड को बनवाने के फायदे क्या-क्या हैं।
श्रमिक कार्ड पंजीकरण की स्टेप बाय स्टेप प्रक्रिया जानने के लिए कृपया इस लेख को अंत तक पढ़ें।
यूपी लेबर कार्ड क्या है?
हमारे देश में श्रमिक वर्ग की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से कई सारी योजनाएं चलाई जा रही है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के लिए यूपी लेबर कार्ड योजना की शुरुआत की है।
श्रमिक कार्ड (UP Labour Card) के माध्यम से श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों को श्रम विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा चलाई जा रही 13 लाभकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। इतना ही नहीं, श्रमिकों को श्रमिक भत्ता योजना के तहत 1000 रुपये का भत्ता भी मिलेगा।
इन सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए श्रमिक को उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UPBOCW) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना ऑनलाइन पंजीकरण (Labour Card Registration UP) कराना होगा। पंजीकरण के उपरांत, श्रमिक को 14 अंकों की एक आईडी प्राप्त होगी, जिसे यूपी लेबर कार्ड के नाम से जाना जाता है। इस कार्ड की वैधता 5 वर्ष की होती है।
UP Labour Card बनवाने से क्या लाभ मिलते हैं?
लेबर कार्ड योजना में पंजीकृत होने के बाद श्रमिक को विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं का फायदा मिलता है। जो की निम्नलिखित है:
पंजीकृत महिला श्रमिक के संस्थागत प्रसव की स्थिति में उसे 3 माह के वेतन के बराबर 1000 रुपये का मेडिकल बोनस दिया जायेगा।
श्रमिकों के अधिकतम 2 नवजात शिशुओं के पौष्टिक आहार के लिए भुगतान किया जायेगा। यदि लड़का पैदा होता है तो उसे 12,000 रुपये की वार्षिक सहायता दी जाएगी और लड़की होने पर उसे 15,000 रुपये की वार्षिक सहायता दी जाएगी। यह सहायता राशि बच्चे के जन्म से 2 वर्ष पूर्ण होने तक दिया जायेगा।
पंजीकृत श्रमिक की पहली और दूसरी संतान लड़की होने पर 25000 रूपए की एकमुश्त राशि फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा की जाएगी, जो 18 वर्ष के लिए होगी। बालिका के जन्म से दिव्यांग होने की अवस्था में 50,000रु की राशि फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा की जाएगी, जो उसे 18 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत मिलेगा।
श्रमिकों के 25 वर्ष तक की आयु के अधिकतम 2 बच्चों को कक्षा 1 से आगे की उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए मासिक छात्रवृत्ति दी जाएगी। जो न्यूनतम 150 रुपये से लेकर अधिकतम 2000 रुपये मासिक तक होगा।
यदि श्रमिक के बच्चे पढ़ाई में अच्छे हैं तो उन्हें कक्षा 5 से लेकर उच्च शिक्षा ग्रहण करने हेतु 4000 रु से 22,000रु तक की वार्षिक छात्रवृत्ति दी जाएगी।
श्रमिकों के बालिकाओं के विवाह के लिए 55,000 रुपए की मदद की जाएगी।
यदि श्रमिक के पास घर नहीं है या फिर 2 कमरों वाला कच्चा मकान है, तो ऐसे श्रमिकों को मकान बनाने के लिए 1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता 2 समान किश्तों में दी जाएगी।
अगर श्रमिक के घर में शौचालय की सुविधा नहीं है तो उसे शौचालय का निर्माण करने हेतु 12,000 की सहायता की जाएगी, जो उसे 2 किश्तों में प्राप्त होगी।
गंभीर बीमारी होने की स्थिति में सरकार द्वारा इलाज का पूरा खर्च दिया जायेगा।
निर्माण कामगार की मृत्यु, विकलांगता और दुर्घटनाग्रस्त होने पर आर्थिक सहायता की जाएगी।
इन सभी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए श्रमिक का पंजीकृत होना जरूरी है। साथ ही उन्हें नियमित रूप से अंशदान भी जमा करना होगा. यदि कर्मचारी अंशदान जमा नहीं करता है तो उसे कोई लाभ नहीं मिलेगा।
यूपी श्रमिक कार्ड बनाने से किन योजनाओं का लाभ मिलेगा?
यदि आप उत्तर प्रदेश में श्रमिक कार्ड बनवाते हैं तो आपको निम्नलिखित सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। जो की ये हैं:
मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना
संत रविदास शिक्षा सहायता योजना
मेधावी छात्र पुरस्कार योजना
आवासीय विद्यालय योजना
कौशल विकास, तकनीकी उन्नयन एवं प्रमाणन योजना
सौर ऊर्जा सहायता योजना
कन्या विवाह अनुदान योजना
आवास सहायता योजना
महात्मा गांधी पेन्शन योजना
शौचालय सहायता योजना
चिकित्सा सुविधा योजना
गंभीर बीमारी सहायता योजना
मृत्यु, विकलांगता सहायता एवं अक्षमता पेंशन योजना
अन्त्येष्टि सहायता योजना
आपदा राहत सहायता योजना
पंडित दीनदयाल उपाध्याय चेतना योजना
उत्तर प्रदेश लेबर कार्ड बनाने की पात्रता क्या है?
उत्तर प्रदेश में लेबर कार्ड बनाने के लिए आवेदक को निम्नलिखित पात्रताओं को पूरा करना होगा। जो की इस प्रकार है:
आवेदक श्रमिक उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
आवेदक की आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच की होनी चाहिए।
सिर्फ असंगठित क्षेत्र में कार्यरत मजदुर ही लेबर कार्ड बनवा सकते हैं।
आवेदक श्रमिक के पास पिछले 1 वर्ष में 90 दिन निर्माण कार्य करने का प्रमाण पत्र होना चाहिए।
UP Labour Card बनाने के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट
श्रमिक का आधार कार्ड
श्रमिक की पासपोर्ट साइज फोटो
बैंक पासबुक की फोटोकॉपी
स्व घोषणा प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी
नियोजन प्रमाण पत्र / 90 दिनों का निर्माण कार्य प्रमाण पत्र
मोबाइल नंबर
ईमेल आईडी
लेबर कार्ड कौन-कौन बनवा सकता है?
प्लम्बर लोहार
मोची इलेक्ट्रीशियन
वेल्डिंग का काम राजमिस्त्री का काम
चौकीदारी का काम करने वाले सड़क निर्माण करने वाले मजदूर
बढ़ई/कारपेंटर का कार्य करने वाले मकान/बिल्डिंग निर्माण कार्य करने वाले मजदूर
रंगाई-पुताई का कार्य करने वाले रोलर चलाने वाले
लकड़ी चीरने वाले छप्पर डालने का काम
हथौड़ा चलाने वाले टाइल्स-मार्बल लगाने का काम
खुले कुओं से गाद निकालने वाले चट्टान तोड़ने का कार्य करने वाले
सीमेंट, कंक्रीट, ईट इत्यादि ढ़ोने वाले लिफ्ट तथा एस्केलेटर स्थापना का कार्य करने वाले
ईट-भट्टों में ईंट निर्माण का कार्य करने वाले मजदूर सामुदायिक पार्क और फुटपाथ का निर्माण कार्य
खिड़की ग्रिल तथा दरवाजे लगाने वाले मकानों/भवनों की आंतरिक सज्जा का काम करने वाले
पुल तथा बांध निर्माण का कार्य करने वाले ठंडे एवं गर्म मशीनरी की स्थापना तथा मरम्मत का काम करने वाले
अग्निशमन प्रणाली का स्थापना एवं मरम्मत का काम चूना बनाने वाले मजदूर
यूपी लेबर कार्ड रजिस्ट्रेशन कैसे करें? – पूरी प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश में लेबर कार्ड बनाने की प्रक्रिया काफी आसान है, ऑनलाइन पंजीकरण करने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें।
सबसे पहले उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की आधिकारिक
वेबसाइट पर जाएँ।
- आपके सामने वेबसाइट का होमपेज खुलेगा।
मेनू बार में ‘श्रमिक पंजीयन/संशोधन’ के विकल्प पर क्लिक करें।
इस फॉर्म में अपना आधार नंबर डालें।
इसके बाद अपना मंडल तथा जनपद चुने।
फिर अपना मोबाइल नंबर दर्ज करके ‘आवेदन/संसोधन करें’ के बटन पर क्लिक कर दें।
- आपके मोबाइल नंबर पर एक OTP प्राप्त होगा।
उसे निर्धारित बॉक्स में भरें और ‘प्रमाणित करें’ के बटन पर क्लिक कर दें।
इसके बाद आपकी स्क्रीन पर आधार कार्ड के अनुसार जानकारी भरने हेतु एक फॉर्म खुलेगा।
इस फॉर्म में श्रमिक का नाम, पिता/पति का नाम, लिंग, जन्मतिथि और आयु दर्ज करें।
सभी जानकारी दर्ज करने के बाद ‘आधार सत्यापन’ के बटन पर क्लिक करें।
इसके बाद आपके सामने एक और आवेदन फॉर्म खुलकर आएगा, जिसमें आपको बची हुई जानकारियां दर्ज करनी होगी। यह फॉर्म आपको 2 भागों में मिलेगा: भाग 1 और भाग 2
भाग 1 में अपने कार्य का प्रकार, गत 12 माह में निर्माण कार्य करने के दिनों की संख्या, आवेदक का पत्र व्यवहार पता, आवेदक का स्थायी पता, नॉमिनी का विवरण, बैंक का विवरण इत्यादि दर्ज करें। - इसके बाद आपको 5 जरुरी दस्तावेजों को अपलोड करना होगा। जैसे कि श्रमिक की पासपोर्ट साइज फोटो, स्व प्रमाणित आधार कार्ड की फोटोकॉपी, स्व प्रमाणित बैंक पासबुक की फोटोकॉपी, स्व घोषणा प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी तथा नियोजन प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी।
भाग 2 में आपको श्रमिक के परिवार के सदस्यों का विवरण दर्ज करना होगा।
अंत में घोषणा के बॉक्स में टिक कर अपनी सहमति दें और ‘पंजीयन करें’ के बटन पर क्लिक कर दें।
इस प्रकार आपका यूपी लेबर कार्ड रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा। जिसकी जानकारी आपको मोबाइल पर मैसेज के जरिए मिल जाएगी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
- Q. यूपी लेबर कार्ड बनाने की आधिकारिक वेबसाइट क्या है?
Ans. उत्तर प्रदेश में लेबर कार्ड बनाने के लिए आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए आपको को श्रमिक पंजीकरण की ऑफिसियल वेबसाइट upbocw.in पर जाना होगा।
Q. उत्तर प्रदेश श्रमिक कार्ड बनाने में कितने पैसे लगते हैं?
Ans. श्रमिक कार्ड बनाने का शुल्क 85 रुपए है। यदि आप ई-मित्र संचालक के जरिये श्रमिक कार्ड बनवाते हैं तो आपको 30 रुपए का अतिरिक्त शुल्क लगेगा। - Q. नियोजन प्रमाण पत्र कैसे बनवाएं?
Ans. नियोजन प्रमाण पत्र बनाने के लिए आपको उस ठेकेदार के पास जाना होगा जहाँ पर आप काम कर रहे हैं। वह आपको लेटर पैड में लिखकर देगा कि आप उसके यहां कितने दिनों से काम कर रहे हैं और किस ट्रेड में काम कर रहे हैं। इस प्रकार आप नियोजन प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं।
Q. क्या स्टूडेंट्स भी बनवा सकते हैं श्रमिक कार्ड?
Ans. नहीं, श्रमिक कार्ड बनाने वाला आवेदक छात्र नहीं होना चाहिए। आवेदक ऊपर बताए गए किसी भी कार्य में श्रमिक होना चाहिए।
Q. उत्तर प्रदेश में श्रमिक कार्ड बनवाने के लिए आयु सीमा क्या है?
Ans. श्रमिक कार्ड बनवाने के लिए आवेदक की आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।